PM Van Dhan Vikas Yojana 2023 | प्रधानमंत्री वन धन विकास योजना

प्रधानमंत्री वन धन विकास योजना 2023

भारत की मोदी सरकार ने, ना केवल प्राकृतिक संरक्षण के लिए बल्कि इन प्रकृतियो की गोद में रहने वाली सभी जनजातियों के सामाजिक – आर्थिक विकास के लिए राष्ट्र स्तर पर 14 अप्रैल, 2018 को PM Van Dhan Vikas Yojana  (प्रधानमंत्री वन धन विकास योजना 2023 ) का शुभारम्भ कर दिया है जिसके तहत हमारे सभी आवेदक, आवेदन करके लाभ प्राप्त कर सकते है।

पीएम वन धन विकास योजना 2023 के तहत पंजीकरण से न केवल प्राकृतिक संसाधनों और इसकी विविधता की रक्षा की जाएगी, बल्कि इन क्षेत्रों में रहने वाले बेरोजगार लोगों का रोजगार सशक्तिकरण किया जाएगा, जिसके लिए कुल कौशल प्रशिक्षण किया जाएगा। 300 लोगों की। 30,000 प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे ताकि सभी को इस योजना का लाभ मिल सके।

अन्त, इसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इस लेख में, आपको PM Van Dhan Vikas Yojana 2023, प्रधानमंत्री वन धन विकास योजना 2023, PM Van Dhan Vikas Yojana 2023 – Registration और पी.एम वन धन विकास योजना 2022 – ऑनलाइन आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया हिंदी में प्रदान की जायेगी ताकि आप सभी इस योजना का पूरा – पूरा लाभ प्राप्त कर सकें।

Pradhan Mantri Van Dhan Vikas Yojana 2023

भारत सरकार की इस योजना अर्थात् प्रधानमंत्री वन धन विकास योजना 2023 | PM Van Dhan Yojana Apply Online के क्या लाभ होगें और किन उद्धेश्यो को लेकर इस योजना की शुरुआत की गई हैं उसका पूरा विवरण हम अपने पाठक वर्गो को औऱ प्रकृति प्रेमियो को देने जा रहे हैं ताकि वे भी प्रकृति के इस संरक्षणदायी योजना में भाग लेकर लाभ प्राप्त कर सके और साथ ही इस योजना को सफल बना सकें।

Pradhan Mantri Van Dhan Yojana 2020

क्या हैं ये प्रधानमंत्री वन धन विकास योजना ?

हम कहना चाहेंगे कि, भारत सरकार ने इस योजना के माध्यम से एक बड़ा कदम उठाया है, जिसके तहत हमारी प्रकृति को पुनर्जीवित किया जाएगा और हमारे आदिवासी समुदायों को इससे लाभ होगा, उनका जीवन स्तर ऊंचा होगा और वन उत्पादों का उत्पादन होगा। की बिक्री से हमारे आदिवासी समुदायों को बेहतर लाभ मिलेगा

योजना की विधिवत् शुभारम्भ भारत के प्रधानमंत्री श्री. नरेन्द्र मोदी ने  भारतीय संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस के शुभ अवसर पर की गई थी।

इस योजना के सकारात्मक पहलूओँ से प्रभावित होकर सरकार इस योजना का विस्तार 2023 में 3000 वन घन केद्रो के माध्यम से करने जा रही हैं और इस योजना के तहत पूरे देश में 30,000 स्वंय सहायता समूहो की स्थापना का ब्लू-प्रिंट तैयार किया गया हैं।

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क्या हैं वन धन मिशन ?

हम आपको बताने जा रहे हैं कि, इस योजना के तहत सरकार ने “वन धन मिशन” नाम से एक मिशन शुरू किया है। इस योजना के तहत हमारी प्रकृति को संरक्षित और संरक्षित करना है, साथ ही साथ हमारे आदिवासी वर्गों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है और साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

वन धन मिशन का उद्धेश्य

इस योजना के तरत शुरु किये गये मिशन के कुछ बेहद जरुरी और मूलभूत उद्धेश्य हैं जिनकी पूर्ति करने का लक्ष्य रखा गया हैं जो कि, इस प्रकार हैं-

  1. प्राकृतिक संरक्षण को बढ़ावा देना,
  2. देश में प्राकृतिक संरक्षण के प्रति आम-जन को शिक्षित करना,
  3. देश में प्राकृतिक संरक्षण को लिए व्यापक संचार अभियान चलाना
  4. वन-सम्पदा अर्थात् गैर-लकड़ी उत्पादन का विकास करना,
  5. देश में पेड़ो की कटाई पर प्रतिबंध लगाना,
  6. वनो का विकास करना,
  7. जन-जातिय समुदायों के लिए आजीविका उत्पन्न करना,
  8. इन वर्गो के आर्थिक सशक्तिकरण में योगदान करना हैं,
  9. इन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ना हैं आदि।

उपरोक्त उद्धेश्यों को पूरा करने लिए ही इस योजना के तहत वन धन मिशन की शुरुआत की गई हैं।

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सरकार द्धारा स्थापित किये जाने वाले वन धन केंद्रो का उद्धेश्य

प्रधानमंत्री वन धन विकास योजना 2023 के तहत पूरे देश में स्थापित किये जाने वाले केंद्रो को जिन उद्धेश्यो की पूर्ति के लिए किया जा रहा हैं उसकी पूरी सूची इस प्रकार हैं-

  1. इसका सर्वप्रथम उद्धेश्य एम.एफ.पी में मूल्य वृद्धि कर जमीनी स्तर पर जन-जातिय समुदायो को संतुलित करना हैं,
  2. इन केंद्रो के तहत जन-जातिय समुदायो द्धारा जमा किये गये वनोउत्पादो को के द्धारा उनकी आजीविका को सुनिश्चि करना हैं,
  3. उनका आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण करना हैं,
  4. इन केद्रों के जरीये हमारे मौजूदा वन-उत्पादो जो कि, वर्तमान में 20 प्रतिशत हैं उसको 60 प्रतिशत तक बढ़ाना हैं,
  5. एम.एफ.पी में मूल्य वृद्धि के द्धारा देश के लगभग 5 करोंड़ जन-जातिय समुदायों को आजीविका का प्राथमिक स्त्रोत उपलब्ध कराना हैं,
  6. स्थानीय जन-जातियो को कौशल प्रदान करना हैं और साथ ही इनके संसाधनो का सदुपयोग करना हैं आदि।

उपरोक्त उद्धेश्यों की पूर्ति के लिए ही इन केंद्रो की पूरी देश में 30,000 शाखाओं की स्थापना केंद्र सरकार करने जा रही हैं।

केंद्रो की विशेषतायें

इन केंद्रो की कुछ बेहद मुलभूत विशेषतायें हैं जो कि, इस प्रकार हैं-

  1. इन केंद्रो में आपको शुरुआती स्तर पर ईट-निर्माण, महूआ फूल भंडारण और चिरौंजी को साफ करने के साथ-साथ उनका प्रसंस्करण किया जायेगा,
  2. स्वंय सहायता द्धारा जन-जातिय लाभार्थियों के चयन का कार्य शुरु कर दिया गया हैं,
  3. शुरुआती स्तर पर इस वन धन केंद्र की स्थापना पंचायती भवन में की जा रही हैं और जब इसके अपने भवनो की स्थापना हो जायेगी तो इन केंद्रो को उनमें स्थापित कर दिया जायेगा,
  4. वन धन विकास केंद्र जन-जातियो के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा जो कि उन्हे प्राकृतिक संसाधनो का करीबी प्रयोगकर्ता बनायेगा,
  5. जन-जातिय समुदायो को टिकाऊ आजीविका प्राप्त होगी आदि
  6. वनों में रहने वाले लगभग 100 मिलियन लोग भोजन, आश्रय, औषधि और नकदी आय के तौर पर आत्म-निर्भर होंगे आदि।

उपरोक्त विशेषताओं के साथ इन वन धन विकास केद्रो की स्थापना केंद्र सरकार करने जा रही हैं।

अन्त, हमने इस योजना के तहत आने वाले तमाम बिंदुओं को आपके सामने रखने की पूरी कोशिश की हैं और हमें आशा हैं कि, आप इस योजना में अपना योगदान जरुर देंगे और इस योजना के द्धारा अपने प्रकृति को भी सुरक्षित करेंगे।

प्रधानमंत्री द्वारा चलाई गई प्रभावशाली योजनाए:-

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