बिहार विधानसभा चुनाव 2020: ओपिनियन, एग्जिट पोल Bihar Vidhan Sabha Chunav

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 | Bihar Vidhan Sabha Chunav 2020 kab hai/hoga | बिहार विधानसभा चुनाव 2020 कब होगा/ओपिनियन/एग्जिट पोल

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 – ओपिनियन, एग्जिट पोल

जैसा कि, आप सभी बिहारवासियो का पता हैं कि, 3 नवंबर,2020 को बिहार विधान सभा चुनावो के दूसरे चरण की मतदान प्रक्रिया जोरो पर हैं और इस सियासी गर्मागर्मी में, मतदाताओ के अलग-अलग रुझान सामने आ रहे हैं जिसकी वजह से कोई अनुमान लगाना बेहद दुष्कर कार्य बन चुका हैं लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि, इस बारे बिहार विधानसभा चुनावो का परिणाम बेहद निर्णायक रहने वाला हैं क्योंकि कई पार्टियो के समीकरण बदल चुके हैं,  नये-नये गठबंधन स्थापित हुई हैं, राम विलास पासवान का निधन हुआ हैं औऱ चिराग पासवान चुनावी मैदान में, उतर चुके हैं इसलिए इस बार का बिहार विधानसभा चुनाव काई मायनो में, काफी महत्वपूर्ण और दूरगामी साबित होने वाला हैं और इसीलिए अभी हम, कुछ भी नहीं कह सकते हैं और 10 नवंबर,2020 का इंतजार करेगे जब वोटो की गिनती होगी और बिहार का नया राजनीतिक चेहरा सामने आयेगा औऱ इसीलिए हम, इस लेख मे, आपको Bihar Vidhan Sabha Chunav 2020-2021की पूरी जानकारी देंगे ताकि हमारे सभी बिहार की आम जनता इन चुनावो की पल-पल की जानकारी से अवगत रहे और अपने मतदान का प्रयोग करते हुए नये बिहार का निर्माण कर सकें

बिहार, विधानसभा चुनाव 2020 – संक्षितप्त जानकारी

पटना। बिहार विधानसभा चुनावो के लिए तिथियों की घोषणा कर दी गई हैं जिन्हें कुल 6 चरणों में पूरा किया जायेगा। मतदान का पहला चरण 21 अक्टूबर से शुरु होकर 20 नवबंर के अन्तिम चरण तक चलेगा जबकि चुनावो के नतीजो की घोषणा 24 नवबंर को कर दी जाएगी।

Bihar Vidhan Sabha Chunav 2020

बिहार में जीत के लिए भारतीय जनता पार्टी की रणनीति-

बिहार में जीत के लिए, ’’ भारतीय जनता पार्टी की रणनीति ’’ कुछ इस प्रकार हैं-

’’ वन बूथ, 10 यूथ नहीं ’’ नहीं बल्कि सप्तऋषि का सूत्र जितायेगा बी.जे.पी को बिहार विधानसभा चुनाव 2020। विजय की अपनी इस योजना के तहत भारतीय जनता पार्टी हर बूथ पर सप्तऋषि उतारेगी जिसकी जिम्मेदारी होगी कि, वो हर मतदाता को भारतीय जनता पार्टी के मत में मतदान के लिए प्रोत्साहित करेगा।

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी, ’’ वन बूथ. 10 यूथ ’’, के सूत्र पर काम किया करती थी पर बदलते हालत को देखते हुए पार्टी ने भी अपनी रणनीतियों में बदलाव करते हुए, ’’ सप्तऋषि सूत्र ’’ को अपनाने का मन बना लिया हैं।

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सप्तऋषि सूत्र को अपनाने के पीछे तर्क

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में अपनी विजय तय करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने जो नया फार्मूला अर्थात् सूत्र का श्रीगणेश किया हैं, वो हैं, ’’ सप्तऋषि सूत्र ’’। अपने सूत्र के पीछे बी.जे.पी ने जो तर्क रखे हैं वो इस प्रकार हैं-

  1. समाज के बीच में से ही चुना जाऐगा, बी.जे.पी का सप्तऋषि- इस योजना के तहत बी.जे.पी के प्रदेश अध्यक्ष, ’’ संजय जायसवाल ’’ ने बताया कि, समाज के जो शिक्षाविद् होंगे, सामज-सेवी होंगे जिनकी प्रसिद्धि होगी भले ही वे गरीबी रेखा से नीचे ही क्यूं ना हो बी.जे.पी के सप्तऋषि में शामिल किया जाऐगा जिसके लिए खास अभियान की शुरुआत की जाऐगी।
  2. मतदाताओ को प्रोत्साहित करेगे सप्तऋषि- बी.जे.पी के मुताबिक उनका सप्तऋषि, मतदाताओं को प्रोत्साहित करेगा और उन्हें मत देने के लिए बूथ तक आने के लिए प्रेरित करेगा जिससे एक पारदर्शी परिणाम देखने को मिले।
  3. सप्तऋषि बनायेंगे समाज को मजबूत-बी.जे.पी, अपने सप्तऋषि के माध्यम से सामज को मजबूत बनाने की कोशिश करेगी और उसकी दृढ़ता को स्थापित करेगी।

बी.जे.पी का ये फार्मूला कहां तक सफलता प्राप्त करता हैं?

बी.जे.पी इससे पहले भी चुनावों में, अपनी विजय को सुनिश्चित करने के लिए कई फार्मूलों को अपना चुकी हैं जैसे- 1.’’ वन बूथ, 10 यूथ ’’,2. ’’ बूथ जीतो, चुनाव जीतो ’’ और ’’ पन्ना प्रमुख तक का भी फार्मूला अपना चुकी हैं। अब देखना हैं कि, भारतीय जनता पार्टी का ये सप्तऋषि फार्मूला, कहां तक बी.जे.पी को सफलता दिलाता हैं?

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