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G20 Summit 2023 Kya Hai in Hindi:
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी इंडोनेशिया में (जी20 शिखर सम्मेलन 2023/G20 Summit 2023 वाराणसी/भारत/आगरा/लखनऊ/इंदौर/जोधपुर/lucknow/चंडीगढ़/agra date) में हिस्सा लेने के लिए जा रहे हैं। और इंडोनेशिया के बाली में इस कार्यक्रम में पीएम मोदी 20 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इस 3 दिन के चलने वाले सम्मेलन में डिजिटल इकनॉमिक वर्किंग ग्रुप की बैठक में डिजिटल पब्लिक इन्फ्राट्रक्चर, साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल स्किलिंग जैसे विषय पर चर्चा किया जाएगा। तथा लखनऊ शहर में जी 20 सम्मेलन की बैठक सोमवार को शुरू हो गई है। जिसमें लखनऊ आए मेहमानों का खास ध्यान रखा जाएगा।
और आप लोग यह जानना चाहते होंगे कि (g20 summit 2023 theme in hindi) यह भारत के लिए क्यों अहम हैं। तथा इस बैठक का उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा किया गया है। हम आपको यह बता दें कि जी-20 19 देशों का एक यूरोपीय यूनियन का समूह है। और इस समूह में शामिल होने वाले देशों के अधिकतर डेलीगेस्ट 14 फरवरी लखनऊ भ्रमण पर निकलेंगे। तथा जिला प्रशासन अफसरों के मुताबिक मेहमानों को बड़ा इमामबाड़ा एवं भूलभुलैया के अलावा दूसरी ऐतिहासिक इमारतों की भी सैर कराई जाएगी। और साथ ही प्रत्येक डेलीगेट के साथ लाइव दिन अफसर एवं गार्ड मौजूद होंगे। इस शिखर सम्मेलन में भारत को G 20 की अध्यक्षता सौंपी जाएगी।

जी-20 शिखर सम्मेलन क्या है?
G 20 का गठन वर्ष 1999 में किया गया था। इसको ग्रुप ऑफ ट्वेंटी भी कहा जाता है। यह 19 देशों का एक यूरोपीय यूनानीय समूह है। इन समूहों में वह देश शामिल है। जो अर्थव्यवस्था के मामलों में दुनिया में टॉप पर है। जी 20 शिखर में प्रतिवर्ष कई नेता जूटते हैं। और अर्थव्यवस्था को बढ़ाने का चर्चा करते हैं।
g20 में कौन-कौन से देश शामिल हैं?
जी-20 में फ्रांस, इंडोनेशिया, इटली, कोरिया, जर्मनी, इंडिया, मेक्सिको, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, रूस, चीन, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, अर्जेंटीना, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, जापान, अमेरिका एवं यूरोपियन यूनियन शामिल है।
जी 20 का गठन किस लिए किया गया था?
सबसे पहले यह गठन वित्त मंत्री केंद्रीय बैंकों के गवर्नरो का संगठन होता था। और जी 20 का पहला सम्मेलन दिसंबर 1999 में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में किया गया था। तथा सन 2008 में दुनिया को भयानक मंदी का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद इसे शीर्ष नेताओं के संगठन में तब्दील किया गया था। और फिर यह तय किया गया था कि वर्ष में एक बार जी 20 राष्ट्र के नेताओं की बैठक की जाएगी।
One Nation One Fertilizer Scheme 2023
कार्यशैली जी-20 की
जी-20 में दो समांतर होते हैं। पहला वित ट्रैक एवं दूसरा शेरपा ट्रैक। वित ट्रैक का नेतृत्व सदस्य देशों के वित्त मंत्री एवं सेंट्रल बैंक के गवर्नर करते हैं। और शेरपा पक्ष की ओर से G20 Summit 2023 प्रक्रिया का समन्वय सदस्य देशों के शेरपाओ द्वारा क्या जाता है। जो नेताओं के नीति प्रतिनिधि होते हैं। दोनो ट्रैक के अंदर कार्य समूह है। जिनमें सदस्यों के संबंधित मंत्रालयों के साथ आमंत्रित/अतिथि देशों एवं विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं। वित्त ट्रैक मुख्य रूप से वित्त मंत्री के नेतृत्व में है। और यह कार्य समूह हर अध्यक्षता के पूरे कार्यकाल में नियमित बैठके की जाती हैं। शेरपा पूरे साल के दौरान हुए वार्ताओं का पर्यवेक्षण करते हैं। शिखर सम्मेलन के लिए एजंडे पर चर्चा करते हैं। G20 Summit 2023 का महत्व काम आर्थिक सहयोग है। जिसमें शामिल देशों की कुल जीडीपी दुनिया भर के देशों की 80 फीस दी है। और यह सभी देश मिलकर ना सिर्फ ग्लोबल इकोनामिक पर कार्य करते हैं। बल्कि साथ ही आर्थिक स्थिरता एवं जलवायु परिवर्तन तथा हेल्थ से जुड़ी मुद्दों पर भी बात करते हैं।
भारत का वर्चस्व विश्व मंच पर
- भारत ब्रिटेन को छोड़कर पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बना।
- भारत यूएन सुरक्षा परिषद में अस्थाई सदस्य बना।
- यूएन सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग का रूस एवं अमेरिका ने समर्थन किया।
- भारत के पास G 20, SCO की अध्यक्षता।
जी 20 की भारत में थीम क्या है?
भारत का G 20 अध्यक्षता का विषय ‘वसुधेव कुटुंबकम’ या ‘ एक पृथ्वी एक कुटुंब एक भविष्य’ है। इसे महाउपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है।
G20 का लोगो कैसा है
- G20 लोगो भारत के राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंगो केसरिया, सफेद, हरे एवं नीले रंग से प्रेरित है।
- इसमें भारत के राष्ट्रीय पुष्प कमल को पृथ्वी ग्रह के साथ प्रस्तुत किया जाता है। जो चुनौतियों के बीच विकास को दर्शाता है।
किस देश में के पास होगी अगली अध्यक्षता?
इस समूह का कोई स्थाई सचिवालय नहीं है।
इसकी अध्यक्षता ट्राईका द्वारा समर्थित है। पिछला वर्तमान एवं आने वाला अध्यक्षता। भारत की अध्यक्षता के दौरान ट्राईका में इंडोनेशिया (पूर्व अध्यक्ष) भारत (वर्तमान अध्यक्ष) तथा ब्राजील (साल सन 2024 में अध्यक्षता) शामिल होगी।